जन्मतिथि, जन्म स्थान व जन्म का समय ये तीन तथ्य हैं, जिस आधार पर कोई ऑस्ट्रोलॉजर किसी की कुंडली बना कर फलादेश बताता है। इन तीनों सवालों का जवाब नहीं होने पर कुंडली हासिल करने में परेशानी होती है, लेकिन अस्ट्रोलॉजर पूनम श्री इन तीन सवाल से हटकर भी आपको उन्नति का मार्ग बताने में सक्षम हैं।
नई दिल्ली। ज्योतिषाचार्या पूनम श्री जी देश के अनुभवी ज्योतिषाचार्यों में से एक हैं। ज्योतिष के क्षेत्र में इन्हें करीब 10 वर्षों का अनुभव है। हालांकि इनका बचपन एक धार्मिक वातावरण में बीता है,जिसका प्रभाव इनके व्यक्तित्व में साफ झलकता है। पूनम श्री जी ने अपने अचूक एवं असान उपायों से दिल्ली में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इनके परामर्श ने बहुत से अति विशिष्ट व्यक्तियों और सिने हस्तियों को भी लाभान्वित किया है। पूनम श्री जी वैदिक ज्योतिष के अलावा टैरो कार्ड रीडिंग, अंकज्योतिष, वास्तु शास्त्र एवं फेस रीडिंग की विशेषज्ञ मानी जाती है। ज्योतिष के क्षेत्र में श्री पूनम जी के योगदान के कई पुरस्कारों से भी पुरस्कृत किया जा चुका है।
पूनम श्री जी का मानना है कि हमारे जीवन में आने वाली सभी परेशानियां एवं उनका समाधान हमारे भीतर ही होता है, लेकिन हम उसको जान नहीं पाते हैं। ऐसी स्थिति में हमें ऐसे व्यक्ति की जरुरत होती है, जो हमारे जीवन के रहस्यों को सुलझा कर हमारा मार्गदर्शन कर सकें । एक ज्योतिषाचार्य ही वो व्यक्ति है, जो आपके जन्म की तारीख, समय और जन्म स्थान के आधार पर आपके जीवन के रहस्य को समझ सकता है और आपके समूचे व्यक्तित्व का अध्ययन कर आपका मार्गदर्शन कर सकता है, लेकिन इसमें एक बात बहुत ध्यान देने की है कि जो आपका मार्गदर्शन कर रहा है वह अनुभवी हो और सही मार्गदर्शन करे। ऐसे में पूनम श्री जी एक उपयुक्त नाम है।
हर किसी के जीवन में कभी-कभी ऐसी स्थिति आती ही है कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती है, विवाह में रुकावटें आती है, बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहता है या फिर व्यापार में घाटा होता है। ये सभी समस्याएं काफी गंभीर हैं, जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को नर्क के समान बना सकती हैं, लेकिन ज्योतिष वो मार्ग है जिससे इन सभी समस्याओं से मुक्ति पाया जा सकता है।
एक सवाल के जवाब में पूनमश्री ने बताया कि बचपन से हाथ की लकीर देखने का शौक था। पिता ने पहले पढ़ाई पूरी करने की नसीहत दी। मनोविज्ञान व फाइन आर्ट्स में स्नातक, बीएड व एनपीटीटी ट्रेनिंग के बाद शिक्षक के रूप में काम किया. विषय की बारीकियों को विद्यार्थी को बताने लगी, लेकिन हाथ की लकीर पहले की तरह ही खीचती रही। शुरू में मित्रों, परिजनों व सहयोगियों का हाथ देखती थी। पूनम श्री कहती हैं कि ज्योतिष का क्षेत्र देश में व्यापक है। शायद ही कोई ज्योतिष के बिना आगे बढ़ने का प्रयास करता है। ज्योतिष का नाम आते ही आडंबर भी साथ आता है। कब जन्म लिये, समय क्या था, जगह कौन सी थी, ऐसे सवाल पूछे जाते हैं। जिनके पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं हैं या जिनके पास जन्म कुंडली नहीं हैं, उनके लिए ऐसे सवाल सिर दर्द बन जाते हैं। प्रश्नावली कुंडली के जरिये आम जीवन का सवाल पूछ कर समस्या का हल निकाला जाता है। इसमें किसी तरह के आडंबर को जगह नहीं मिलती है।
पूनम श्री बताती हैं कि समस्या निदान के लिए भौतिक रूप से मौजूद रहना जरूरी नहीं है। सोशल मीडिया से भी संपर्क बनाया जाता है। वे कहती हैं कि समस्या से परेशान लोगों पर आर्थिक बोझ देना इलाज का तरीका नहीं हो सकता है। कोशिश ऐसी होनी चाहिए कि लोग बिना परेशान हुए ही निजात पा लें। अब तो टीवी चैनलों का भी बुलावा आ रहा है। वर्तमान समय में गुगल, याहू समेत कई सर्च इंजन मौजूद हैं। इनमें हर सवाल का जवाब होता है। ज्योतिषी से संबंधित हर सवाल का जवाब इनमें आसानी से मिल जाता है। राशिफल से लेकर भाग्य भी सर्च इंजन पर परोसा जाता है। बावजूद इसके भाग्य जानने व किस्मत बनाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से ज्योतिषी का सहारा लेना ही प्रासंगिक माना जाता है। प्रत्यक्ष बात करने से सभी आशंका दूर हो जाती है। ज्योतिष भी जातक से सवाल पूछते हैं, इससे समाधान निश्चित हो जाता है।
परिवार का सहयोग
पूनम श्री बताती हैं 1999 में विवाह हो गया, लेकिन ज्योतिष का शौक सिर पर सवार था। इसी उद्देश्य से ज्योतिष क्षेत्र में महारथ पाने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वैदिक साइंस में नामांकन ली। लगातार पांच साल वैदिक अस्ट्रोलॉजर की पढ़ाई के दौरान ही वैवाहिक जीवन व मंगल दोष नामक किताब लिखी। एलआइसी में डीओ पति मधु श्रीवास्तव का भी भरपूर सहयोग मिला। पूनम श्री अब तक हजार से अधिक जातकों की कुंडली देखी है। भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, कुवैत, साउथ अफ्रीका, दुबई जैसे देश के लोग भी पूनम श्री के संपर्क में हैं।
पूनम श्री जी मानती है कि हम अपने जीवन में जीन परेशानियों का सामना करते हैं उसमें से ज्यादातर परेशानियों का समाधान हमारे आस-पास स्थित प्राकृतिक चीजों से ही हो जाता है, उनमें से भी ज्यादातर हमारे रसोई में ही मौजूद है। पूनम श्री जी आसान उपायों में विश्वास रखती है, जिसे कोई भी व्यक्ति आसानी से कर सके और इसमें ज्यादा खर्च भी न हो। यही वजह है कि आज पूनम जी का मार्गदर्शन पाकर हमारों लोग एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।