हिंदी दिवस के दिन योगी आदित्यनाथ पर लिखी प्रचलित ग्राफ़िक नोवेल का दिल्ली में हुआ भव्य विमोचन

 

 

 

दिल्ली।  बेस्ट-सेलर ग्राफिक उपन्यास “अजय टू योगी आदित्यनाथ”, २६ शहरों व ७० विमोचनों का लम्बा सफ़र तय करके राजधानी दिल्ली पहुँची। और मौक़ा भी ख़ास था – हिंदी दिवस, तो विमोचन भी हुआ इस पुस्तक के हिंदी संस्करण का – नाम है, “अजय से योगी आदित्यनाथ तक”। ये किताब ऐशिया बुक ओफ रेकर्ड व ऐमज़ान बेस्ट्सेलर जैसे कई रेकर्ड बना चुकी है। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जेनरल वी के सिंघ, दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी, भाजपा प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला, इन्वेस्ट इंडिया के सीईओ दीपक बागला, चिनमया मिशन के स्वामी प्रकाशनंद जी व दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के बच्चों के साथ ये हिंदी संस्करण का लॉंच हुआ।

 

इसके पहले “अजय टू योगी आदित्यनाथ” का भव्य विमोचन लखनाऊ, मेरठ, ग़ाज़ीयबाद, बुलन्दशहर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ज़ेवर, जलालाबाद, बहराइच, सहारनपुर, झाँसी, ललितपुर, गोरखपुर, आज़मगढ़, सीतापुर, प्रयागरज, अयोध्या, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, मुज़्ज़फ़र नगर, चेन्नई, ऋषिकेश, हैदाराबाद, गुवाहाटी, बेंगलुरु और प्रयागरज जैसे २६ शहरों में हो चुका है। इन शहरों में “अजय टू योगी आदित्यनाथ” के ७० से अधिक विमोचन व बुक साइनिंग हो चुकी हैं।

 

जून के पहले हाई हफ़्ते में योगी आदित्यनाथ के 51वें जन्मदिन यानी 5 जून को उत्तर प्रदेश के 51+ स्कूलों में इस ग्राफिक उपन्यास लॉन्च किया गया था । लेखक स्वयं लखनऊ के एक स्कूल में सैकड़ों बच्चों सहितउपस्थित थे। साथ ही इस रिकॉर्ड लॉन्च में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 51+ स्कूलों में 5१00 से अधिक बच्चों ने किताब लॉन्च की थी । यह पहली बार था कि एक किताब को कई स्थानों पर एक साथ इतने प्रतिभागियों के साथ लॉन्च किया गया, और वो भी बच्चों ने । इस व्यापक लॉन्च ने “एशिया बुक ओफ रिकॉर्ड्स क़ायम किया।

 

वीडियो संदेश के जरिए जनरल वीके सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ का जीवन हर बच्चे के लिए अनुकरणीय है । शहजाद पूनावाला ने हिंदी के महत्व को स्थापित किया और बताया कि यह पुस्तक एक आम आदमी से चरित्रवान मनुष्य और एक मुख्यमंत्री तक की यात्रा की कहानी कहती है। दीपक बागला ने बच्चों को भारत की महाशक्ति बनने की यात्रा में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। स्वामी प्रकाशानंद जी ने बच्चों को जीवन के तात्कालिक सुखों को त्यागकर ईमानदारी से ज्ञान अर्जित करने का मार्गदर्शन दिया।

जब हमारी टीम ने लेखक शांतनु से संपर्क किया, तो लेखक ने अपने नए ग्राफिक उपन्यास के बारे में बारीक जानकारी साझा की। शांतनु ने बताया कि ‘अजय से योगी आदित्यनाथ तक’, उत्तराखंड के सुदूर गाँव में पैदा हुए एक युवा लड़के अजय सिंह बिष्ट की यात्रा है। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट एक जूनियर वन अधिकारी थे और माता सावित्री देवी एक गृहिणी थीं। अजय को बचपन से ही परिवार की गायों की देखभाल करने, स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियाँ सुनने और स्कूल की बहस में भाग लेने का शौक था। वे सभी आज के उत्तराखंड में पंचूर नाम के एक सुदूर गाँव में डेढ़ कमरे के घर में रहते थे। यहीं से आगे चलकर अजय गोरखनाथ मठ के महंत बने, भारत की संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य और भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। लेखक ने आगे कहा कि ‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ हर छात्र के अनुसरण करने और प्रेरणा लेने के लिए धैर्य, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की कहानी है।

 

लेखक ने बताया कि वह इस कहानी को उन प्रेरक क़िस्सों व उपाख्यानों के माध्यम से बता रहा हैं, जिन्हें उन्होंने अलग-अलग लोगों के साथ अपनी बातचीत के दौरान सुना और आलेखित किया। ये वो लोग हैं जो योगी आदित्यनाथ के जीवन का वर्षों तक हिस्सा रहे। इनमे, उनके पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट, उनकी मां सावित्री देवी, पंचूर गांव के उनके दोस्त, कोटद्वार और ऋषिकेश में उनके कॉलेज के सहपाठी और शिक्षक और उनके साथ के विभिन्न साथी संत और नेता शामिल हैं। लेखक ने कहा की मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने योगी आदित्यनाथ की जीवन-कथा को आप सभी के सामने लाने में मुझे सक्षम बनाया।

 

साहित्य प्रेमियों के लिए, शांतनु ने विस्तृत साहित्यिक और कलात्मक यात्रा के बारे में बताया, जिससे ग्राफिक उपन्यास पिछले एक साल में गुजरा है। पहले लेखक ने अपने प्राथमिक शोध के आधार पर सभी पृष्ठों की स्टोरीबोर्डिंग की। संवादों के साथ-साथ उन्होंने कलाकारों को संभावित रूपरेखा का सुझाव दिया। वहां से कलाकारों और डिजाइनरों की टीम  – नितेश कुशवाहा, आकाश जायसवाल और पल्लवी सक्सेना ने काम संभाला। पहले कलाकारों ने पृष्ठ लेआउट के अनुमान के लिए थंबनेलिंग की, फिर उन्होंने सावधानीपूर्वक पेंसिल कला का काम किया, फिर उन्होंने इसे बाउंड्री दी, पैनलिंग की, संवाद जोड़े और फिर रंग। टीम के सदस्यों के बीच प्रत्येक पैनल, प्रत्येक पृष्ठ और प्रत्येक संवाद के लिए विस्तृत समीक्षा और फीडबैक लूप चलाए पुस्तक को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए पुस्तक के अंत में योगी आदित्यनाथ पर कई पहेलियाँ और खेल भी हैं। पुस्तक में क्यूआर कोड पाठकों को एक वेबसाइट पर ले जाएगा, जहां युवा पाठक योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश के बारे में अधिक जानने के लिए 100+ गेम और पहेलियां खेल सकते हैं।

 

पूर्व में शांतनु गुप्ता ने योगी आदित्यनाथ पर दो बेस्टसेलिंग टाइटल लिखे हैं- द मोंक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर और द मॉन्क हू ट्रांसफॉर्मेड उत्तर प्रदेश। और अब उन्होंने विशेष रूप से बच्चों के लिए यूपी के मुख्यमंत्री पर एक प्रेरणादायक ग्राफिक उपन्यास लिखा है- ‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’। लेखक शान्तनु ने हमें बताया की क्योंकि उनकी ये पुस्तक एक संत राजनेता पर है, तो अपने हर मंच पर वो एक संत की दिव्या उपस्थिति अवश्य ही सुनिश्चहित करते हैं। किताब पहले से ही अमेज़न पर बेस्टसेलर सूची में आ चुकी है। लेखक शान्तनु ने बताया की भारत के बाद, इस बहुचर्चित पुस्तक को अब वो लंदन, जरमनी, फ़्रांस आदी यूरोपीयन देशों में लेकर जाएँगे।

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