कंबल घोटाले की एसीबी जांच के लिए जनहित याचिका

रांची। झारखंड विधानसभा में विपक्ष ने सरकार पर कंबलों की खरीद में 20 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया। वहीं इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से कराने की मांग को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है। झारखंड विधानसभा में सोमवार को तृतीय अनुपूरक बजट मांगों पर चर्चा के दौरान मुख्य विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा के कुणाल षाड़ंगी और झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव ने राज्य सरकार पर गरीबों को दिये जाने वाले कंबल की खरीद में 20 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया और राज्य सरकार से इस मामले की जांच कराने की मांग की।

इस बीच झारखंड उच्च न्यायालय में सोमवार को सेंटर फॉर आरटीआई की ओर से पंकज कुमार यादव ने इसी मुद्दे पर एक जनहित याचिका दाखिल की। इस मामले में झारक्राफ्ट की तत्कालीन सीईओ रेणू गोपीनाथ पणिक्कर व उद्योग विभाग के तत्कालीन निदेशक के रवि कुमार को प्रतिवादी बनाया गया है।

वादी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि 2016-17 में 9,82,717 कंबल खरीदे जाने थे। इसके लिए वजन प्रति कंबल दो किलोग्राम और मूल्य तीन सौ रुपये तय हुआ था। इसका निर्माण बुनकर समितियों द्वारा किया जाना था। जिसकी जिम्मेदारी झारक्राफ्ट को दी गई। इसके लिए 21.51 लाख किलोग्राम धागा मंगाया जाना था। लेकिन इसमें 18.48 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता की गई। वादी की ओर से इस संबंध में तत्कालीन विकास आयुक्त अमित खरे की अनुसंशा का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर पूरे मामले की एसीबी से जांच कराने की अनुसंशा की है।

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