Jharkhand News : पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जाएंगे भाजपा में, मुख्यमंत्री सोरेन ने कही ये बात

रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा है कि उनका मुख्यमंत्री रहते अपमान हुआ और अब मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं। सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट लिख बताया है कि झारखंड का मुख्यमंत्री रहते हुए उनका अपमान किया गया।

उन्होंने कहा, “झारखंड का बच्चा- बच्चा जनता है कि अपने कार्यकाल के दौरान, मैंने कभी भी, किसी के साथ ना गलत किया, ना होने दिया। इसी बीच, हूल दिवस के अगले दिन, मुझे पता चला कि अगले दो दिनों के मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया है। इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था।”

सोरेन ने कहा, “पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा तीन जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक आप मुख्यमंत्री के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।” उन्होंने लिखा, “क्या लोकतंत्र में इससे अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे?”

मैंने भारी मन से विधायक दल के लिए बुलाई बैठक में कहा कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।’’

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने और समाज को बांटने का आरोप लगाया। उन्होने यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटों बाद दिया।

गोड्डा जिले में एक समारोह को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि भाजपा गुजरात, असम और महाराष्ट्र से लोगों को लाकर ‘‘आदिवासियों, दलितों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों के बीच जहर फैलाने और उन्हें एक-दूसरे से लड़वाने’’ का काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘समाज की बात तो भूल ही जाइए, ये लोग परिवारों और दलों को तोड़ने का काम करते हैं। वे विधायकों की खरीद-फरोख्त करते हैं। पैसा ऐसी चीज है कि नेताओं को इधर-उधर जाने में ज्यादा समय नहीं लगता।’’

हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनाव कार्यक्रम ‘‘निर्वाचन आयोग द्वारा नहीं, बल्कि राज्य में विपक्षी पार्टी (भाजपा) द्वारा तय किया जाएगा। ऐसा लगता है कि निर्वाचन आयोग अब संवैधानिक संस्था नहीं रह गया है, क्योंकि इस पर भाजपा के लोगों का कब्जा हो गया है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं उन्हें (भाजपा को) चुनौती देता हूं कि अगर आज विधानसभा चुनाव हुए तो झारखंड से उनका सफाया हो जाएगा।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published.