मोदी देना चाहते हैं धन्यवाद, पूरी बात इस रिपोर्ट में पढ़िए


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं कांग्रेस के कुछ साथियों का हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार… इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।” राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देने के लिए सत्र में सम्मिलित हुए पीएम मोदी. पीएम ने कहा कि इस भाषण में देश के लिए प्रेणना, प्रोत्साहन और सत्य मार्ग को पुरस्कृत किया था. इस दौरान पीएम मोदी ने सभी सांसदों को धन्यवाद किया.

आजादी के इतिहास में संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में बहुत दशकों के बाद देश की जनता ने एक सरकार को तीसरी बार सेवा का मौका दिया. 60 सालों के बाद यह हुआ है कि 10 सालों के बाद किसी एक सरकार की वापसी हुई. यह एक असामान्य घटना है. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के कुछ साथियों को हृदय से धन्यवाद देना चाहता हूं. एक साथी की तरफ से बार-बार कहा जा रहा था कि एक तिहाई सरकार इससे बड़ा सत्य और क्या हो सकता था. हमारे 10 साल हुआ है. एक तिहाई हुआ है और 2 तिहाई बाकी है. इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर.

10 वर्षों के अखंड एक निष्ट अविरत सेवा भाव से किए हुए कार्य को देश की जनता ने जी भर कर समर्थन दिया है. देश की जनता ने आशिर्वाद किया है. इस चुनाव में देशवासियों की विवेक बुद्धी पर गर्व होता है. क्योंकी उन्होंने प्रोपोगेंडा को परास्त कर दिया है. भ्रम की राजनीति को ठुकराया है. भरोसे की राजनीति पर विजय की मुहर लगाई है.

संविधान के 75 वर्ष में हम प्रवेश कर रहे हैं. इस सदन के लिए भी यह पड़ाव विशेष है क्योंकी इसे भी 75 साल हुए इसलिए यह सुहग संयोग है. मेरे जैसे बहुत लोग हैं इस देश के सार्वजनिक जीवन जिनके परिवार में कोई सरपंच या पिर गांव का प्रधान नहीं रहा. लेकिन आज अनेक महत्वपूर्ण पदों पर पहुंच कर देश की सेवा कर रहा हूं. उसका कारण बाबा साहेब अंबेडकर ने जो संविधान दिया है. उसने हम जैसे लोगों को अवसर दिया. मेरे जैसे अनेक लोग है. जिनको यहां तक आने का अवसर मिला. जनता जनार्दन ने मुहर लगाई तो तीसरी बार भी मौका मिला.

संविधान हमारे लिए आर्टीकल का कंपाइलेशन मात्र नहीं है. हमारे लिए उसके शब्द भी बहुत मुल्यवान है. किसी भी सरकार के लिए हमारा मानना है. हमारा संविधान लाइटहाउस का काम करते हुए हमारा मार्ग दर्शन करता है.

मुझे याद है मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरह से कहा गया हम 26 सिंतबर को संविधान दिवस के रुप में मनाएंगे. मैं हैरान हूं जो आज संविधान की प्रीती लेकर घूमते रहते हैं उन्होंने विरोध किया था. आज संविधान दीवस के माध्यम से देश के स्कूल कॉलेजे में संविधान की भावना और रचना में क्या भूमिका रही है.

पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आज संविधान दिवस के माध्यम से देश के स्कूल और कॉलेज में संविधान की भावना, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है. देश के गणमानय पुरुषों ने किन कारणों से इसे छोड़ने और कुछ चीजों का स्वीकार किया इसके लिए हमारे स्कूल कॉलेज में चर्चा हो. निबंध स्पर्धा हो एक व्यापाक रुप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो. देशवासियों के लिए आने वाला कालखंड संविधान हमारे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा रहे इसके लिए कोशिश कर रहे हैं. 75 वर्ष में प्रवेश करने पर इसे राष्ट्र व्यापी उत्सव बनाने का तय किया है.

संविधान के पीछे जो मकसद है उसके विषय में भी देश को अवगत कराने का प्रयास है. देश की जनता ने हमें तीसरी बार जो अवसर दिया है. वो अवसर विकसित भारत आत्मनिर्भर भारत इस यात्रा को मजबूती देने के लिए. हमें देश के कोटी-कोटी जनों ने आशिर्वाद दिया है.

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