नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज के 59 वें स्थापना दिवस पर देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नवनिर्मित छात्रावास ‘कृष्णा’ का उद्धाटन किया। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अगुवाई की दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी और जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ स्वाति पाल ने। पूर्व राष्ट्पति प्रणब मुखर्जी ने नवनिर्मित छात्रावास कृष्णा का उद्धाटन, रिबन काटकर और आधारशिला का अनावरण करके किया।
इस खास मौके पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए खुशी जताई कि वो इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस पुराने, वर्तमान और भविष्य को एक साथ हमारे सामने लाकर खड़ा कर देता है। स्थापना दिवस पर ही छात्राओं को छात्रावास की सुविधा मुहैया कराने के लिए उन्होंने कॉलेज को बधाई दी। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि छात्रावास की वजह से छात्राओं के लिए समग्र और बेहतर शिक्षा का माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि देश को शिक्षा के क्षेत्र में निवेश ज़रूर करना चाहिए, अगर ऐसा होता है तो बदले में देश को भी मौद्रिक मूल्य कहीं ज्यादा मिलता है। प्रणब मुखर्जी ने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को याद दिलाया कि वास्तव में जानकी देवी कॉलेज, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की विरासत को आगे ले जाने वाले और कॉलेज के संस्थापक श्री ब्रजकृष्ण चांदीवाला का वारिस है। उन्होंने छात्रों को कहा कि इस तरह वे भी उसी परंपरा में कड़ी हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि छात्रों की ताकत शारीरिक रूप में नहीं बल्कि व्यक्तिगत अदम्य रूप में आंकी जाती है। उन्होंने वार्षिक पत्रिका जानकी के लिए कॉलेज की बधाई दी।
इससे पहले सभागार में पूर्व राष्ट्रपति का स्वागत कॉलेज के क्वायर ग्रुप ने किया और उसके साथ दीप प्रज्जवलित किया गया। दीप प्रज्जवलन के बाद इंडियन क्लासिकल डांस सोसायटी के सदस्यों ने नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद कॉलज की प्रिंसिपल डॉ स्वाति पाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और साथ में जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज के इतिहास से सबको अवगत कराया। प्रिंसिपल ने कहा कि कॉलेज सिर्फ एक साल दूर है अपने हीरक जयंती से। डॉ पाल ने कहा कि छात्रावास कॉलेज के लिए एक तरह से नया आरंभ है, जो छात्राओं की नई उम्मीद और सपनों को पूरा करने वाला साबित होगा।
डॉ पाल के वक्तव्य के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी ने छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने माना कि विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा भरोसा छात्र और छात्राएं ही हैं। ऐसे में छात्रों को भी शपथ लेना चाहिए कि वे मानवीय मूल्यों और दृष्टि का सम्मान करेंगे ताकि बेहतर बदलाव हो सके। प्रोफेसर त्यागी ने छात्रों से यह भी आग्रह किया कि वो आगे आएं और अपने नए विचारों को सबसे सामने रखें ताकि दिल्ली विश्वविद्यालय को एक नई दिशा मिल सके।