नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को रिहा करने के प्रस्ताव पर केंद्र से जवाब मांगा है. मंगलवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र राजीव गांधी की हत्या के दोषियों को मिली सजा खत्म करने के तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव पर अपनी राय बताए. अदालत ने इसके लिए केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया है. 21 मई 1991 को चेन्नई के नजदीक श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती बम धमाके में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत हो गई थी.
तमिलनाडु सरकार ने दो मार्च 2016 को केंद्र को पत्र लिखा था, जिसमें राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों को रिहा करने की इच्छा जताई थी. सभी सातों दोषी इस समय आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि वह इन दोषियों को जेल में 24 साल पूरा होने पर रिहा करना चाहती है.
हालांकि, केंद्र सरकार ने अप्रैल 2016 में तमिलनाडु सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए राज्य सरकार ऐसा कोई फैसला नहीं कर सकती. अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-435 के तहत राज्य सरकारों को केंद्र से सलाह लेते हुए दोषियों की सजा खत्म करने या उसे घटाने का अधिकार है.