रायपुर। छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले रमन सिंह सरकार ने बड़ा दांव चल दिया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ऐलान किया है कि अनुबंध पर काम करने वाले शिक्षकों को नियमित किया जाएगा। इससे पहले सरकार ने शिक्षाकर्मियों की मांगों को मानने से इनकार कर दिया था, वहीं इसके बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए अनुबंध पर काम करने वाले शिक्षाकर्मियों के बड़े नेताओं को बर्खास्त करने का मन बना लिया था। शिक्षाकर्मियों के आंदोलन की वजह से प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पहले ही चरमरा गई है। लेकिन अब सरकार ने उनकी मांगे मान लेने का मन बना लिया है।छत्तीसगढ़ में अनुबंध पर काम कर रहे लगभग एक लाख 80 हजार शिक्षक अपनी नौकरी को नियमित करने की मांग पिछले लंबे समय से रहे हैं। पिछले साल शिक्षाकर्मियों की सरकार से चल रही बातचीत दो बार विफल हो जाने के बाद राजधानी में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी की गई थी। लेकिन प्रस्तावित विरोध रैली से पहले ही सरकार ने 24,000 शिक्षाकर्मियों को हिरासत में ले लिया जिसमें सिर्फ रायपुर से ही 2,343 हिरासत में लिए गए। प्रदर्शनकारियों को निषेधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में लिया गया था। तो अब रमन सरकार को आने वाला चुनाव दिखाई दे रहा है।
अनुबंध पर काम कर रहे ये शिक्षाकर्मी शिक्षकों के खाली पड़े पदों के लिए अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही इनकी मांग है कि समान कार्य के लिए समान वेतन मिले और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए। सरकार ने आरोप भी लगाया था कि कुछ नेता बरगला रहे हैं इसलिए पहले उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। हालांकि छुट्टी का दिन होने के बावजूद पिछले साल 6 शिक्षक नेताओं को बर्खास्त कर दिया गया था। तो अब सरकार सभी मांगे मानकर अपनी उपलब्धियां गिनाने जा रही है।