नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कर्नाटक में सरकार गठन के विषय की देर रात से सुबह तक करीब तीन घंटे धैर्यपूर्वक सुनवाई करने को लेकर उच्चतम न्यायालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे जाहिर होता है कि न्याय कभी नहीं सोता है। कांग्रेस-जद (एस) गठजोड़ की ओर से पेश हुए राज्य सभा सदस्य सिंघवी ने कहा कि इसने जाहिर कर दिया कि चौबीसों घंटे शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। कर्नाटक मामले की सुनवाई देर रात दो बजकर 11 मिनट पर शुरू हुई। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी बात है कि न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की सदस्यता वाली एक पीठ याचिका पर सुनवाई करने के लिए देर रात बैठी। इससे यह जाहिर होता है कि न्याय लगातार काम करता है। उन्होंने कहा कि मामले के गुणदोष पर विचार किए बगैर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के लिए देर रात पौने दो बजे का समय तय किया इससे जाहिर होता है कि न्याय कभी नहीं सोता और इस तक चौबीसों घंटे पहुंचा जा सकता है।
सिंघवी ने कहा कि रात दो बजे से तीन घंटे तक सुनवाई करने को लेकर शीर्ष न्यायालय सराहना का हकदार है। ”मैं इस बात को लेकर बहुत आभारी हूं कि शीर्ष न्यायालय विषय की सुनवाई के लिए रात दो बजे बैठा। यह लोकतंत्र की जीत है, भले ही नतीजा कुछ भी आए। लोकतंत्र की जीत हुई। सुनवाई के आखिर में सिंघवी और मामले में भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के बीच तीखी बहस भी हुई। इस पर, न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा, ”हम न्यायालय में इस तरह का माहौल देखने को इच्छुक नहीं हैं।