द अल्टीमेट ट्रेवलिंग कैंप (टीयूटीसी) के साथ खो जाइए कुंभ मेले के अनूठे रहस्यलोक में
नई दिल्ली। पृथ्वी पर तीर्थयात्रियों के सबसे बड़े शांतिपूर्ण जमावडे़ और मानवता की एक अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कुंभ मेले का हजारों साल पुराना इतिहास है। हर 12 वर्ष में भारत के चार अलग-अलग शहरों में मनाए जाने वाला यह सांस्कृतिक अनुष्ठान उन भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है, जिन्हें आध्यात्मिकता के रास्ते निर्वाण की तलाश है और जो अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए पवित्र नदियों में स्नान करना पसंद करते हैं।
जनवरी 2019 में होने वाला इलाहाबाद का कुंभ मेला गंगा, यमुना और रहस्यमय सरस्वती के संगम (त्रिवेणी संगम) स्थल पर आयोजित किया जाता है और इसे हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। अपने गुंथे हुए बालों की लटों से खेलते हुए और चिलम के जरिए धुंआ उगलते या फिर योग के जटिल आसन में लीन साधु-संत कुंभ के दौरान आपको हर कहीं मिल जाएंगे। धूप-अगरबत्ती और फूलों की खुशबू से सराबोर वातावरण और बीच-बीच में हवनकुंड से उठता धुंआ, वैदिक मंत्रोच्चार और भजनों के साथ ड्रमबीट्स और मंदिरों से आती शंखों और घंटों की ध्वनि से पूरा माहौल आध्यात्मिक रंग में रंगा नजर आता है।
श्री रामानंदिया वैष्णव आश्रम प्रतिष्ठान पुरी, समुद्र कूप तीर्थ, झुसी, इलाहाबाद के श्री श्री 108 महंत स्वर्गीय श्री बालाकृष्ण दासजी महाराज और उनके सुपुत्र श्री बिपिनबिहारी पांडेय जी महाराज के निमंत्रण पर अल्टीमेट ट्रैवलिंग कैंप (टीयूटीसी) जल्द ही ‘संगम निवास‘ कैंप को लॉन्च करने के लिए पवित्र भूमि पर जा रहा है। संगम निवास कैंप कुंभ मेले के मध्य में स्थित हैं और निश्चित तौर पर यहां श्रद्धालुओं को एक अविस्मरणीय यात्रा अनुभव हासिल होगा। टीयूटीसी की नवीनतम पेशकश – संगमनिवास का उद्देश्य कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भारतीय दर्शन और पौराणिक कथाओं के समग्र पहलुओं को सामने लाने के दौरान उनके समक्ष कुंभमेले की आध्यात्मिकता और कल्याण से जुडा अत्यंत महत्वपूर्ण सार प्रस्तुत करना है।
कुंभ मेले के उच्चतम बिंदु पर बने संगमनिवास संगम के नजदीक एक पहाड़ी पर स्थित है और मेहमानों के लिए कुंभ के आध्यात्मिक माहौल में गहराई तक उतर जाने और कुंभ के सार को समझने के लिए एक उपयुक्त बिंदु प्रदान करता है। कैंप इलाहाबाद हवाई अड्डे से एक घंटे की दूरी पर है, लखनऊ से पांच घंटे और वाराणसी से तीन घंटे दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन इलाहाबाद जंक्शन है जो दिल्ली, हावड़ा और मुंबई से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
मेहमान आधुनिक सुविधाओं और बेहतरीन फर्निशिंग से लैस विशेष रूप से निर्मित विशाल 17 लक्जरी टेंट और 27 सुपर लक्जरी डीलक्स टेंट में से कोई भी चुन सकते हैं। संगमनिवास कैंप में रिसेप्शन टेंट पर असीमित वाई-फाई, साइट पर 24ग7 सुरक्षा और पैरामेडिक, 24ग7 बिजली, रिसेप्शन टेंट पर लाइब्रेरी और कायाकल्प केंद्र के लिए वेलनेस सेंटर की सुविधा के साथ संध्या आरती के लिए मंदिर भी है। प्रत्येक तम्बू में 24 घंटे गर्म और ठंडे पानी की सुविधा से युक्त स्नानघर भी है। धार्मिक उत्साह का आनंद लेने के लिए आप एक रात से पांच रात तक की यात्रा का कार्यक्रम चुन सकते हैं।
कुम्भ मेले के अनुभव को यादगार बनाने के लिए कैंप में विशेष गतिविधियों की तैयारी की गई है। इस दौरान आप उत्साही भक्तों के सैलाब के साथ अपने अनुष्ठान करने और प्रार्थनाओं में जुटे लोगों के समूह का हिस्सा बनें या फिर विभिन्न अखाडों का दौरा करें और हिंदू धर्म के विभिन्न संप्रदायों की विचारधारा और दर्शन पर व्यापक दृष्टिकोण हासिल करें। संगमनिवास में रहने वाले मेहमानों के लिए सुबह योग और ध्यान कक्षाओं का इंतजाम भी किया गया है या फिर कुंभमेले का आनंद लें, सुबह-सवेरे नाव की सैर करें और नदी किनारे भजन और प्रार्थनाएं प्रस्तुत करते भक्तों के स्वर में स्वर मिलाएं।
साधुओं और ऋषि-मुनियों से ज्ञान प्राप्त करें ताकि अपने आपको प्राप्त करने के लिए तपस्या और आत्म-बलिदान के वास्तविक सार को समझा जा सके या हमारे फोटोग्राफी भ्रमण के भाग के रूप में कैमरे पर मानव जाति और उसके अनूठे विश्वास के रहस्यमय माहौल को पकड़ने का प्रयास करें। टीयूटीसी को अपने प्रत्येक कैंप में भारतीय व्यंजनों का विशिष्ट स्वाद प्रस्तुत करने के लिए जाना जाता है। कुंभ में आने वाले मेहमानों के समक्ष भी सरल, लेकिन अनोखा पाक अनुभव पेश किया जाएगा जहां शाकाहारी ‘सात्विक‘ भोजन, ताजा बेक्ड ब्रेड, पाई और कुकीज हमारे शेफ द्वारा तैयार किए जाएंगे। संगमनिवास कैंप 10 जनवरी से 6 मार्च 2019 तक संचालित होंगे।