नई दिल्ली। देशभर में चल रहे एसएससी स्कैम के ख़िलाफ़ छात्रों के आन्दोलन का असर राजस्थान के कोटा में देखने को मिला है। कोटा में एसएससी परीक्षा में हाईटेक नक़ल कराने वाले गिरोह के 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही साथ पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2017 परीक्षा के द्वितीय चरण में 20 मार्च से 31 मार्च तक आयोजित होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। ज्ञात हो कि कोटा में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान हुई नकलबाजी और गिरोह का पकड़ाना एसएससी के ऊपर एक बड़ा सवाल है, लेकिन आयोग अपनी खामियों को हरगिज़ नहीं मान रहा है।
राजस्थान में नकल कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश, कांस्टेबल परीक्षा का स्थगित होना, पुलिस का हरकत में आना आदि विद्यार्थियों की मेहनत और देशव्यापी संघर्ष का ही परिणाम है। विद्यार्थियों द्वारा लगातार अपने हक के खिलाफ आवाज़ उठाई जा रही है लेकिन मौजूदा सरकार के कानों पर जू तक नही रेंग रही है। एसएससी परीक्षाओं की व्यापक सीबीआई जाँच की मांग न माने जाने का आक्रोश छात्रों में पनप रहा है। देश भर के युवाओं ने दिल्ली में एकजुट होकर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर युवाओं की बात ना मानी गयी तो सरकार को इसका बहुत भारी खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा। आन्दोलनकारी छात्रों ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है, अगर उनकी मांगो को नहीं माना गया तो छात्रों ने आन्दोलन को और व्यापक बनाते हुए 31 मार्च को राजधानी दिल्ली में हल्लाबोल करने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि पिछले 18 दिनों से एसएससी के अभ्यर्थी दिल्ली के CGO काम्प्लेक्स में मुलभुत सुविधाओं के बिना भी अपने हक के लिए डटे हुए थे। देशभर के सभी युवाओं से आंदोलनकारी छात्रों ने आवाहन करते हुए दिल्ली की ओर रुख करने की अपील की है ताकि 31 मार्च को युवा देश की सरकार को युवाओं का जोश जूनून और जज्बा दिखे। ज्ञात हो कि 27 फरवरी से हजारों छात्र स्टाफ सलैक्शन कमीशन के दिल्ली स्थित मुख्यालय सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित क्षेत्रीय कार्यालयों के सामने एसएससी परीक्षाओं में हुए बड़े घोटाले और पेपर लीक मामले के खिलाफ प्रदर्शनरत थे। एसएससी कई केन्द्रीय मंत्रालयों के लिए लोअर डिवीजन क्लर्क, इन्कम टैक्स इन्सपैक्टर और सीबीआई के सब इन्सपैक्टर जैसे कई नॉन-गैजेटड पदों पर भर्ती के लिए विविध परीक्षाएँ आयोजित करवाती है। इस वर्ष 17 से 22 फरवरी के बीच SSC Combined Graduate Level Examination (CGL – Tier II ) हुआ था। करीब 9,372 पदों के लिए 1,89,843 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी।
ये है पूरा मामला
17 फरवरी को दिल्ली में परीक्षा से पहले ही एक प्रतिभागी के पास से उत्तर कुंजी बरामद होने का मामला सामने आया। उसी दिन एसएससी ने दिल्ली के एनीमेट इन्फोटैक नामक परीक्षा केन्द्र पर दूसरी शिफ्ट की परीक्षा रद्द कर दी गई। 21 फरवरी को, उस समय चल रही परीक्षा की उत्तर कुंजी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। पेपर लीक के सुबूत के तौर पर व्हिसिलब्लोअर फेसबुक पेज ”एसएससी ट्यूब” ने भी इसे उसी समय प्रकाशित कर दिया। परीक्षा 12:30 बजे शुरु हुई थी और 12:32 बजे यह पेपेर रिमोट एक्सेस के जरिए ऑनलाइन लीक हो गया। नतीजतन, एसएससी ने 21 फरवरी को सुबह की शिफ्ट में आयोजित परीक्षा को रद्द कर दिया।
24 फरवरी को एसएससी ने घोषणा की कि 21 फरवरी वाली परीक्षा 9 मार्च को दोबारा आयोजित की जाएगी। लेकिन एसएससी ने पेपर लीक और भ्रष्टाचार के आरोपों को स्वीकार नहीं किया। इसकी बजाय उसने बयान जारी किया कि यह सारी समस्या दरअसल किसी तकनीकि कारण से पैदा हुई थी। आश्चर्यजनक तरीके से, इसके ठीक एक सप्ताह बाद ही, 4 मार्च के नोटिफिकेशन के हवाले से इसी एसएससी ने प्रदर्शनकारियों से वादा किया कि वह सरकार से सीजीएस टियर-2 परीक्षा की सीबीआई जाँच कराने का अनुरोध करेगी।
यदि परीक्षाओं में सच में ही कोई तकनीकी दिककत हुई थी तो इस कमीशन ने खुद ही यह क्यों कहा कि इस मामले की सीबीआई जाँच करवाने की माँग करेगी? उत्तर बिल्कुल साफ है: एसएससी खुद परीक्षाओं में हो रहे भ्रष्टाचार के सबूतों को अनदेखा नहीं कर पा रही है। मगर वह लगातार प्रदर्शनकारियों को जाँच करवाने का झूठा आश्वासन दिए जा रही है। इसलिए अब छात्रों ने सरकार को सीधी चेतावनी देते हुए 31 मार्च को दिल्ली में हल्लाबोल करने का निर्णय लिया है। छात्रों के समर्थन में देशभर के कई शिक्षक और बुद्धिजीवी भी शामिल हैं।