नई दिल्ली। क्रिएटर फंड के नए रिसर्च के अनुसार लगभग साठ प्रतिशत ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के स्टार्ट-अप के संस्थापक ऐसे हैं जो अन्य देशों से यूके में पढ़ाई के लिए आए हैं। यह एक वेंचर कैपिटल फर्म है जो यूनिवर्सिटी स्पिनआउट्स को सपोर्ट करने के लिए पहचान रखती है। क्रिएटर फंड के सीईओ के अनुसार, विदेशों में विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने से युवा भारतीय उद्यमियों को एक सकारात्मक माहौल मिलता है।
इस रिपोर्ट के बाद यूके सरकार की ओर से भारतीय और अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों का यूके में स्वागत करने और यूके में स्वयं का बिजनेस शुरू करने या उनके लिए काम करना आसान बनाने के उपायों के बारे में बताती है। विशेष रूप से नया ग्रेजुएट रूट 2021 की गर्मियों में या उसके बाद यूके की डिग्री पूरी करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्ध होगा। यह छात्रों को ग्रेजुएट स्तर की पढ़ाई के बाद (या पीएचडी के तीन साल बाद) तक ब्रिटेन में रहने की अनुमति देगा, जिसमें काम के प्रकार को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है। सरकार ने यह भी पुष्टि की है कि जिन भारतीय छात्रों को कोविड-19 के कारण अपनी डिग्री ऑनलाइन शुरू करनी है, वे अब भी पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा के पात्र होंगे।
डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल ट्रेड में एक्सपोर्ट्स मिनिस्टर और सरकार के एजुकेशन सेक्टर एडवायजरी ग्रुप के को-चेयर ग्राहम स्टुअर्ट ने कहा, “हमने उन पहल का समर्थन करने के लिए अथक प्रयास किया है जो छात्रों को यूके आने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और आंकड़ों के मुताबिक हमें इसमें शानदार रिटर्न मिल रहा है। कई मामलों में, यहां अध्ययन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र यूके में बिजनेस स्थापित करते हैं तो ब्रिटिश लोगों को उससे पैसा मिलता है और उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। कोरोनावायरस की चुनौतियों के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय छात्रों की एक बड़ी संख्या अगले साल यहां आएगी। इसके अलावा, हमारा नया पॉइंट्स-बेस्ड इमिग्रेशन सिस्टम उद्यमियों को यूके की अर्थव्यवस्था के लाभ के लिए नए उद्यम स्थापित करने और यहां बने रहने के लिए महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करेगा।”