नई दिल्ली। दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), नोएडा के अंष अरोड़ा और प्रणव धार ने लगातार दूसरी बार चैंपियनशिप टाइटल पर कब्जा जमाया है। उन्होंने अंतर-स्कूल आईटी क्विज़ टीसीएस आईटी विज़ के नेशनल फाइनल में 1,50,000 रुपये का ई-वाॅलेट, प्रतिष्ठित ट्राॅफी और स्वर्ण पदक हासिल किए। फाइनल्स में नोएडा और वडोदरा की टीमों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। रजत पदक जीतने वाले उपविजेता नवरचना स्कूल के सुजय निगम और सचिन अग्रवाल स्कूल के लिए 1,00,000 रुपये के ई-वाउचर और ट्राॅफी जीती।
नेशनल फाइनल में चैंपियनषिप टाइटल के मुकाबला कर रहे देश के 12 शहरों से 2 सेमीफाइनलों से चुनी गई 6 शानदार टीमों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। टीसीएस आईटी विज़ 2017 के नेषनल फाइनल्स का आयोजन 10 दिसंबर, 2017 को मुंबई के ताज लैंड्स एंड में एक प्रमुख आईटी सेवा, कंसल्टिंग और बिज़नेस साॅल्यूषंस टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (टीसीएस) द्वारा आयोजित किया गया। भारतीय क्विजिंग के इतिहास में पहली बार टीसीएस आईटी विज़ नेषनल फाइनल्स ने ’’रियल-टाइम स्कोरिंग’’ की शुरूआत की गई जिससे दर्शकों को करीबी मुकाबले पर नजर रखने में मदद मिली।
टीसीएस आईटी विज़ 2017 के क्षेत्रीय संस्करणों का आयोजन इस वर्ष अगस्त से नवंबर के बीच देश के 12 अलग-अलग स्थानों-अहमदाबाद, बेंगलुरू, भुवनेश्वर, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, कोलकाता, मुंबई, नागपुर और पुणे में किया गया। इसमें क्षेत्रीय स्तर पर पूरे भारत के 1,213 स्कूलों से 8-12 कक्षा के 13,000 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। इन 12 जगहों की 12 विजेता टीमों ने दो राउंड के सेमीफाइनल्स के माध्यम से मुकाबला किया जिनमें से 6 टीमें नेशनल फाइनल्स तक पहुंची।
नवरचना स्कूल के सुजय निगम और सचिन अग्रवाल ने उपविजेता पद सुरक्षित रखने के लिए पिछले वर्श की विजेता टीम डीपीएस, नोएडा से जबरदस्त मुकाबला किया। फाइनल तक पहुंचे सभी प्रतिभागियों को आॅनलाइन खरीदारी के लिए 5,000 रुपये का ई-वाउचर दिया गया। विजेता टीमों को सम्मानित अतिथि राजेष गोपीनाथन, सीईओ एवं प्रबंध निदेषक, टीसीएस ने पुरस्कार सौंपे। टीमों को सीईओ से बातचीत करने का मौका भी मिला। फिनाले का संचालन जाने-माने क्विज़मास्टर गिरी ’’पिकब्रेन’’ बालासुब्रमण्यम ने किया जिन्होंने गेमिफिकेषन राउंड के माध्यम सवाल पेश किए जिन्हें एनिमेशन साॅफ्टवेयर का इस्तेमाल कर विकसित किया गया, जिससे टीमें और दर्शक अपनी सीट पर जमे रहे।