‘The Kerala Story’ उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री, जारी है सियासत


 

नई दिल्ली। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ’द केरल स्टोरी’ पर खूब सियासत और चर्चा हो रही है। इन्हीं चर्चाओं के बीच उत्तर प्रदेश में इस टैक्स फ्री करने की घोषणा हुई है। यह जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार पहले ही कह चुकी है कि ‘द केरल स्टोरी’ को टैक्स फ्री करेंगे और मुझे इस बात की प्रसन्नता है। प्रदेश के लोग इस फिल्म को देखें और समझें कि किस ढंग से हमारी बहनों के साथ अत्याचार हो रहा है। ये बहुत अच्छा निर्णय है। पश्चिम बंगाल में जो हो रहा है वो तुष्टिकरण के तहत हो रहा है और प्रदेश के लोग इस फिल्म पर प्रतिबंध को स्वीकार नहीं करेंगे।

कुछ राज्यों में ’द केरल स्टोरी’ को टैक्स फ्री करने पर फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा कि ये सरकार का निर्णय है, अगर उन्हें लगता है कि ये फिल्म महत्वपूर्ण है तो वे टैक्स फ्री करते हैं। टिकट का दाम कम होने से ज्यादा लोग फिल्म देख पाएंगे।

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में ‘द केरल स्टोरी’ के बैन को लेकर अधिसूचना जारी की। फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा कि 4 दिन से प. बंगाल में फिल्म हाउसफुल चल रही थी। कानून-व्यवस्था की कोई स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। अचानक ममता बनर्जी को लग गया कि कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती है…मैंने उनसे(ममता बनर्जी) अनुरोध किया कि आप एक बार फिल्म देख लीजिए, आपको इस पर गर्व होगा।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शोभा करंदलाजे ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदुओं का अपमान किया है इसलिए हम पूरे राज्य में हर मंदिर में हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं… खतरनाक कौन है वो पश्चिम बंगाल के लोगों को बताना है। पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को खुश रखने के लिए और वोट बैंक के लिए ममता बनर्जी हिंदुओं का अपमान कर रही हैं।

अहम बात यह भी है कि ’द केरल स्टोरी’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार करने वाले केरल उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ एक अपील को सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को सूचीबद्ध किया है।

असल में, फिल्म पर विवाद शुरू हुआ इसके ट्रेलर के साथ, जिसमें दिखाया गया कि केरल की करीब 32 हज़ार लड़कियों ने आईएस जॉइन कर लिया है। फिल्म में भी कई सीन हैं, जिनसे जाहिर होता है कि मुस्लिमों और कम्युनिस्टों को किस तरह टारगेट किया गया है।

ऐसा एक सीन है, जब शालिनी कासरगोड के नर्सिंग कॉलेज में पहली बार जाती है, तो वहां एक स्लोगन लिखा दिखता है, फ्री कश्मीर। हालांकि अगले सीन में बुरका पहने एक महिला आती है, जो कॉलेज की हेड है और वह इस तरह के स्लोगन के लिए फटकार लगाती है कि भारत जैसे मुल्क में इस तरह की गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

इसी तरह, अपने प्यार द्वारा धोखा दिए जाने और ब्लैकमेल किए जाने पर गीतांजलि आत्महत्या कर लेती है। ख़ुद को ख़त्म करने से पहले वह अपने पिता को दोष देती है कि अपनी विचारधारा और अपने धर्म के बारे में सिखाने के बजाय उन्होंने कम्युनिज्म की विदेशी विचारधारा सिखाई। ऐसा लगता है कि मूवी यह दिखाने का प्रयास कर रही है, जो धर्म पर विश्वास नहीं रखते उन्हें बरगलाना ज़्यादा आसान होता है। मसलन, एक सीन है, जिसमें नास्तिक परिवार से संबंध रखने वाली गीतांजलि बहुत ध्यान से आसिफा की बात सुनती है कि, ‘बिना प्रार्थना के भोजन करना पाप है’ और ‘केवल अल्लाह ही हमारी रक्षा कर सकता है’।

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