गोरखाओं की समस्याओं का समाधान केंद्र सरकार द्वारा संवैधानिक दायरे में पश्चिम बंगाल सरकार के समन्वय से किया जाएगा

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने गोरखाओं से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए नई दिल्ली में गोरखा प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री, श्री नित्‍यानन्‍द राय ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दार्जिलिंग के सांसद श्री राजू बिष्ट के नेतृत्व में गोरखा प्रतिनिधि मंडल ने गोरखाओं और क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला और समस्याओं के जल्द से जल्द समाधान के लिए आग्रह किया।

गृह राज्य मंत्री ने प्रतिनिधियों की बात ध्यानपूर्वक सुनी और उन्हे आश्वस्त किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास और सुरक्षा भारत सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होने कहा कि केन्‍द्र सरकार द्वारा गोरखाओं की समस्याओं का हल, संवैधानिक दायरे के अन्‍तर्गत, पश्चिम बंगाल सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर किया जाएगा।

बैठक के दौरान विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई और सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि दार्जीलिंग, तराई और डुआर्स से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए केंद्र सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन, भारत के रजिस्ट्रार जनरल मृत्युंजय कुमार नारायण, जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव श्री रौमुआन पाईते और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। गोरखाओं की ओर से प्रतिनिधिमंडल में दार्जिलिंग विधायक श्री नीरज जिम्बा, कालचीनी विधायक श्री बिशाल लामा, जीएनएलएफ प्रमुख श्री मान घीसिंग, जीजेएम प्रमुख श्री बिमल गुरुंग, सीपीआरएम अध्यक्ष श्री जे.बी. राय, गोरानिमो प्रमुख श्री दावा पाखरीन, सुमुमो प्रमुख श्री विकास राय, डॉ. कल्याण दीवान, जीजेएम महासचिव श्री रोशन गिरी और जीएनएलएफ महासचिव श्री नर बहादुर छेत्री शामिल थे।

 

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