मुंबई । आमतौर पर लल्लू उसी को बोला जाता है, जो मूर्ख या आधे दिमाग का नज़र आता है। तो क्या यह माना जाए कि फिल्म ‘लल्लूराम’ में भी कोई आधे दिमाग का व्यक्ति है, जिसे लेकर फिल्म का ताना—बाना बुना गया है। जी हां, फिल्म ‘लल्लूराम’ गांव के एक मंदबुद्धि युवक की कहानी है जिसे लोग लल्लूराम कहकर पुकारते हैं। उसका एक बड़ा भाई और भाभी है। गांव के मुखिया की बुरी नज़र इसकी भाभी पर पड़ जाती है। इस बीच लल्लू के भाई का मर्डर हो जाता है और इसके क़त्ल का आरोप लल्लू पर लग जाता है। इसको पागल खाने भेज दिया जाता है।
वहां पागलों पर पीएचडी कर रही हिरोइन से इसकी मुलाकात होती है। उसके बाद कहानी में मोड़ आता है। मोहन जोशी फिल्म के खलनायक हैं जबकि नाना पाटेकर की फिल्म तिरंगा में गेंडा स्वामी का रोल करने वाले अदाकार दीपक शिर्के ने इसमें विधायक का किरदार निभाया है। इस फिल्म में न्यूटन लुक्का, मुकेश बहर, समर्थ चतुर्वेदी, रूची तिवारी, भाग्यश्री चैबीसा, पायल सिंह आदी मुख्य भुमिका में हैं।फिल्म ‘लल्लूराम’ के लीड एक्टर न्यूटन लुक्का भी आगरा के रहने वाले हैं। न्यूटन लुक्का की यह फिल्म बॉलीवुड में भले ही पहली मूवी है मगर उन्होंने सैकड़ों डीवीडी फिल्मों में एक्टिंग की है। फिल्म की कहानी एक रियल इंसिडेंट से इंस्पायर्ड बताई का रही है।