नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है।
नई दिल्ली में अगले माह 03 से 15 दिसंबर, 2021 तक आयोजित होने वाले “द स्मार्ट टेक इंडिया इनिशिएटिव” के दूसरे संस्करण पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, स्टार्ट-अप इको-सिस्टम ने भारत में युवाओं के लिए आजीविका के अपार अवसर पैदा किए हैं और यह अब ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से अपनी पैठ बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी देशों में से एक के रूप में उभर रहा है और हाल ही में इसने वैश्विक नवाचार सूचकांक 2021 में 46वें स्थान पर आकर प्रमुख 50 अभिनव देशों की सूची में प्रवेश किया है ।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, महामारी के कारण आर्थिक संकट के बावजूद, भारतीय स्टार्टअप इको-सिस्टम में पहले से ही 35 नई इकाइयां (यूनिकॉर्न्स) हैं, जो इस वर्ष के लिए अनुमानित संख्या को पार कर गए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हाल ही में एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में भारतीय स्टार्टअप को नवाचार और मूल्य निर्माण में सबसे आगे रखा है। उन्होंने कहा कि एक नए पुनरुत्थान वाले भारत के सपने को साकार करने के लिए उद्योग और हितधारकों के साथ सहयोग को व्यवस्थित रूप से उपयोग में लाए जाने की आवश्यकता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा की भारतीय स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र दुनिया में अभी भी तीसरे स्थान पर बना हुआ है, जिसमें सहयोग दे रहे कई पक्ष इस उल्लेखनीय विकास को और बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अपने व्यापार और नवाचार के माहौल में भी लगातार सुधार किया है और अब विश्व बैंक की नवीनतम वार्षिक रेटिंग के अनुसार, देश व्यवसाय करने में आसानी के मामले में 190 अर्थव्यवस्थाओं में 63वें स्थान पर है।
#ASSOCHAM in association with @IndiaDST & @stpiindia organised the curtain-raiser virtual event of the 2nd Edition of #SmartecInidaInitiative 2021. @moesgoi MoS @DrJitendraSingh & other esteemed guests addressed the inaugural event.
Here's a glimpse⤵️ pic.twitter.com/RExaNm738o
— ASSOCHAM #WearAMask (@ASSOCHAM4India) November 17, 2021
भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एएसएसओसीएचएएम–एसोचैम), नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (एनएएसएससीओएम-नैसकॉम), भारतीय उद्योग परिसंघ (कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री –सीआईआई) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री- एफआईसीसीआई – फिक्की ) जैसे सभी उद्योग संघों ने स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में बहुत योगदान दिया है। उन्होंने कहा, विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) और बहुराष्ट्रीय कंपनियां देश में लगातार विकसित हो रहे नवाचार और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़ी हुई हैं और कई मंत्रालय और विभाग यानी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर), रक्षा अनुसन्धान और विकास विभाग (डीआरडीओ), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) देश में स्टार्टअप के नेतृत्व वाले नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) पिछले साल से ही “द स्मार्टटेकइंडिया” पहल का समर्थन कर रहा है और इस साल फिर से डीएसटी ने स्मार्टटेकइंडिया 2021 के लिए एसोचैम के साथ हाथ मिलाया है, ताकि नवाचार की भावना के उल्लास को मनाया जा सके और उसे पुरस्कृत किया जा सके तथा इसके साथ ही स्टार्टअप्स, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) और बाजार के अग्रणी व्यवसायियों (मार्केट लीडर्स) द्वारा अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी को एक वैश्विक मंच प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि विगन और प्रद्योगिकी विभाग (डीएसटी) स्वच्छ ऊर्जा और पानी के नए क्षेत्रों – विशेष रूप से स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी, मेथनॉल, सौर ऊर्जा, उन्नत और बेहतर (स्मार्ट) ग्रिड, बेहतर (स्मार्ट) भवन, कार्बन कैप्चर और उसके उपयोग में तकनीकी नेतृत्व वाले मिशन चला रहा है। उन्होंने कहा कि डीएसटी के एक अन्य प्रमुख मिशन, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन का लक्ष्य देश की कुल कंप्यूटिंग क्षमता को 45 पेटाफ्लॉप्स में उन्नत करना है।
मंत्री ने याद किया कि 2016 में डीएसटी ने एक नया कार्यक्रम, नेशनल इनिशिएटिव फॉर डेवलपिंग एंड हार्नेसिंग इनोवेशन (निधि) को एक छत्र पहल के रूप में तैयार किया था, जो प्रौद्योगिकी व्यवसाय ऊष्मायन (टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्क्यूबेटर्स –टीबीआई) के माध्यम से संचालित तकनीक-आधारित स्टार्टअप की बाजार में खपत की प्रक्रिया के लिए नवाचार के विभिन्न चरणों का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड भी स्वदेशी तकनीक आधारित समाधानों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
स्मार्ट टेक्नोलॉजीज नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, ये नवाचार एयरोस्पेस और रक्षा, वित्तीय सेवाओं, स्वास्थ्य देखरेख (हेल्थकेयर) , कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और स्वचालन (ऑटोमेशन), उद्योग 4.0 और स्मार्ट गतिशीलता (मोबिलिटी) जैसे कई क्षेत्रों में एक विघटनकारी क्रांति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाएं भी अब पर्यावरण अनुकूल (हरित) होने के लिए तैयार हैं और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा पर हमारी निर्भरता उत्तरोत्तर बढती जाएगी।