नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त है। बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के तहत रायसीना हिल्स के आसपास का सारा इलाका छावनी में बदला हुआ है। राजधानी की सीमाओं पर शहर में प्रवेश करने वालों की गहन निगरानी की जा रही है। आज सारी दुनिया कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के साथ एकता में अनेकता के प्रतीक सांस्कृतिक रंगों को देखेगी।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अकेले नई दिल्ली जिले में लगभग छह हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में पहुंचने वालों के लिए कुल 24 हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं। पुलिस को समारोह में 60,000 से 65,000 लोगों के शामिल होने की संभावना है।
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त प्रणव तयाल ने मीडिया से कहा कि इस साल समारोह में प्रवेश ‘पास’ पर दिए गए क्यूआर कोड के आधार पर होगा। बिना वैध ‘पास’ या टिकट के किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।150 से अधिक सीसीटीवी लगाए गए हैं। इनमें से कुछ चेहरा पहचान वाली प्रणाली से लैस हैं।
सुरक्षा के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की ड्रोन रोधी टीम भी मुस्तैद है। राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर अतिरिक्त चौकियां बनाई गई हैं। महानगर में प्रवेश कर रहे वाहनों की सख्त जांच की जा रही है। आसमान पर भी सुरक्षा का ऐसा इंतजाम है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता। दिल्ली में 15 फरवरी तक पैरा-ग्लाइडर, पैरा-मोटर, हैंग-ग्लाइडर, यूएवी, यूएएस, माइक्रोलाइट विमान, रिमोट संचालित विमान, गर्म हवा के गुब्बारे (हॉट एयर बलून), छोटे आकार के विमान आदि को उड़ाने पर प्रतिबंध है।