सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची मणिपुर के महिला की वायरल वीडियो, पीएम मोदी ने कही ये बात

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से ये बताने को कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की है। मीडिया में दिखाई देने वाले दृश्यों के बारे में जो दिखाया गया है वह गंभीर संवैधानिक उल्लंघन और महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में उपयोग करके मानव जीवन का उल्लंघन दर्शाता है, जो संवैधानिक लोकतंत्र के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि केंद्र और राज्य सरकार उनके द्वारा उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को तय की है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा है। इस मामले को लेकर भारत के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि यह बिल्कुल अस्वीकार्य है, सांप्रदायिक झगड़े के क्षेत्र में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना। उन्होंने आगे कहा कि जो वीडियो सामने आए हैं उससे हम बेहद परेशान हैं। अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब समय आ गया है कि सरकार वास्तव में कदम उठाए और कार्रवाई करे। संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। यह बहुत परेशान करने वाला है।

संसद के मानसूत्र के पहले दिन जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मीडिया से बात कर रहे थे, तो उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना से पूरा देश क्रोध से भरा है…गुनाह करने वाले चाहे कितने भी हों, उन्होने चाहे जहां भी गुनाह किया हो, लेकिन उन्होने देश की 140 करोड़ जनता को शर्मशार किया है…ऐसा करने वाले बचेंगे नहीं। घटना चाहे राजस्थान, छत्तीसगढ़ अथवा मणिपुर की हो, महिलाओं के खिलाफ़ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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