नई दिल्ली। 2024 पत्रकारिता के लिए एक खतरनाक साल साबित हुआ है। इस साल 54 पत्रकार मारे गए, जिनमें से एक तिहाई गाजा में इजराइली सैन्य कार्रवाइयों के दौरान मारे गए। रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (RSF) की रिपोर्ट ने इन घटनाओं को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है।
विजनम ग्रुप के चेयरमैन और विश्व आर्थिक मंच के सदस्य करनवीर सिंह ने पत्रकारों की मौतों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “पत्रकार लोकतंत्र की आत्मा होते हैं। उन पर हमला पूरे समाज के सूचना के अधिकार पर हमला है। सच्चाई को दबाने की कोशिश मानवता के खिलाफ अपराध है।”
सिंह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमें पत्रकारों की रक्षा के लिए वैश्विक कानूनों की जरूरत है। अगर हम आज खड़े नहीं हुए, तो सच्चाई की आवाज हमेशा के लिए खामोश हो सकती है।”
भारत की भूमिका पर जोर देते हुए सिंह ने कहा, “भारत को इस मुद्दे पर नेतृत्व करना चाहिए। हमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। यह लोकतंत्र की रक्षा का समय है।”
पत्रकारों की मौतें सच्चाई के लिए दिए गए बलिदानों की कहानी हैं। करनवीर सिंह का संदेश स्पष्ट है – जागो, क्योंकि सच्चाई की आवाज को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।