दो दिनों के नेताओं के जुटान से क्या बनेगी रणनीति, कांग्रेस पर है सबकी नजर

 

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली एनडीए के सहयोगी दलों को छोड़कर कांग्रेस के नेतृत्व में 26 दलों की दो दिवसीय बैठक होनी है। इस बैठक को लेकर भाजपा नेताओं की ओर से कई सवाल भी उठाए गए हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और आम आदमी पार्टी (आप) सहित भाजपा विरोधी दलों के नए गठबंधन को अब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) नहीं कहा जाएगा। इंडिया टुडे पर छपी खबर के अनुसार बताया गया है कि नया नाम मंगलवार को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक के दौरान तय होने की संभावना है।

NDA के गठबंधन पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मुझे ताज्जुब है कि मोदी जी ने राज्यसभा में कहा था कि मैं सभी विपक्षियों पर अकेला भारी हूं। अगर वो सभी विपक्षियों पर अकेले भारी हैं तो वो 30 पार्टियों को क्यों एकत्रित कर रहे हैं। इसके साथ वो लोग उन 30 पार्टियों का नाम तो बताएं। हमारे साथ जो लोग हैं, वो हमेशा हमारे साथ रहे हैं। हमने संसद और संसद के बाहर भी मिलकर काम किया है। हम जो कर रहे हैं, उसे देखकर वो घबरा गए हैं।

बेंगलुरु में दूसरी विपक्षी बैठक से पहले, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार (17 जुलाई) को अन्य दलों के प्रमुख नेताओं को शामिल करने के प्रयास को लेकर भाजपा पर कटाक्ष किया और कहा कि भगवा पार्टी “एनडीए में नई जान फूंकने” का प्रयास कर रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह जो कि 23 जून को पटना में कई पार्टियों के जमावड़े का नतीजा है। जयराम ने आरोप लगाया कि विपक्ष के एक ही मंच पर जुटने से बीजेपी परेशान है और इसलिए उसने 18 जुलाई को दिल्ली में एनडीए की बैठक बुलाई है।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कुछ मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि कुछ वरिष्ठ नेता सोमवार को बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं, लेकिन मंगलवार को इसमें भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ नेता आज नहीं आ रहे हैं कल आएंगे और यह बैठक कल सुबह होने वाली है। 11 बजे बैठक शुरु होगी और शाम 4 बजे सभी पार्टियों के नेता देश को संबोधित करेंगे लेकिन हमारी पटना के बैठक के बाद अचानक प्रधानमंत्री को NDA का ख्याल आया। NDA में एक नई जान फूंकने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस नेता की टिप्पणी बेंगलुरु में दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र से पहले आई है जिसमें 26 विपक्षी दल भाग लेंगे। जयराम का तंज ओपी राजभर, जीतन राम मांझी और अजित पवार को एनडीए में शामिल करने के संदर्भ में था।

बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि हमारा संदेश स्पष्ट है। हमारा संदेश देश की जनता को है कि आप चिंतित ना हो, आपके मुद्दे उठाने के लिए हम एकत्रित हो रहे हैं। सभी लोग अपने-अपने स्वार्थ को अलग कर आ रहे हैं ताकि लोगों की समस्याओं का निदान हो सके। 9 साल में लोग त्रस्त हो गए हैं।मुझे लगता है कि अब सवाल बदलना चाहिए क्योंकि पिछले 9 साल में देश चेहरे का शिकार हुआ है। अब सवाल होना चाहिए कि मुद्दे क्या होंगे?… मैं दावे के साथ ये कह सकता हूं कि नरेंद्र मोदी कल्ट पॉलिटिक्स के आखिरी उदाहरण होंगे क्योंकि उन्होंने लोगों को परेशान कर दिया है। इन दोनों चीजों(विपक्ष की बैठक और दिल्ली अध्यादेश) का कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस पार्टी हमेशा संघीय ढांचें की रक्षा में खड़ी रही है। कांग्रेस पार्टी हमेशा भाजपा द्वारा राज्यपाल और उपराज्यपाल के दूरुपयोग का विरोध करती आई है।

बेंगलुरु में आज से विपक्षी नेताओं की जुटान, केंद्र सरकार को घेरने की बनेगी रणनीति

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK प्रमुख एमके स्टालिन और पार्टी सांसद टीआर बालू विपक्ष की बैठक के लिए बेंगलुरु पहुंचे।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का कहना है कि वे इसे महागठबंधन बोल रहे हैं लेकिन इस महागठबंधन न कोई बंधन है न ही महा है। वे मोदी को नीचा दिखाना चाहते हैं लेकिन ये असंभव है क्योंकि आम जनता, गरीब लोग, किसान, महिलाओं को योजनाएं याद हैं जो उन तक पहुंच रहे हैं जिसका लाभ उन्हें हर महीने मिल रहा है।

विपक्ष की बैठक पर राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी का 2024 तक कोई दूसरा विकल्प नहीं है। जनता के सामने जब एक ठोस एजेंडा लेकर बात न की जाए तब तक कहां से कोई विकल्प दिखेगा।

बेंगलुरु में विपक्ष और NDA की बैठक पर बिहार के मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि 2024 की पूरी तैयारी है। बैठक की शुरूआत बिहार की मिट्टी से हुई है, इसका मतलब ये है कि महागठबंधन की बैठक सफल रहेगी…NDA के बैठक बुलाने से कुछ नहीं होता है। देश की जनता ने देख लिया है कि किस तरह से इन लोगों ने धोखधड़ी करने का काम किया है।

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