मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में कनाडा निवासी योगाचार्य कृष्ण वर्मा ने कहा कि वर्तमान जीवन शैली ऐसी है कि स्ट्रेस से नहीं बचा जा सकता है, लेकिन योग से इसके प्रभाव को जरूर कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह भूमि तो योगीराज कृष्ण की भूमि है। हमको और सारे विश्व को यहां से लगाव है। हमको इसे सुंदर बनाना है। हम यहां विदेशी अतिथियों को मंदिरों के महत्व का बड़ा बखान कर लाते हैं लेकिन जब यहां गंदगी देखते हैं तो बड़ी पीड़ा होती है।
योगाचार्य कृष्ण ने कहा कि सारे विश्व में योग का प्रचार और प्रसार हो रहा है। विदेशी लोग इसको अपना कर बड़े खुश होते हैं, स्ट्रेस मुक्त होने का आसान और आनंददायक तरीका मानते हैं। हमें अपने देश में भी इसको इसी तरह अपनाना है ताकि इसका हम भरपूर लाभ ले सकें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप चाहें तो देश को बदल सकते हैं, इतना साफ सुथरा बना सकते हैं कि सारा देश गर्व कर सके। इसकी शुरुआत आपको वृंदावन से करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम संस्कृति विश्वविद्यालय के साथ मिलकर ऐसी योजना बना रहे हैं कि विवि के छात्र-छात्राओं का जो दल सफाई के लिए सबसे बेहतरीन आइडिया और प्रोजेक्ट बनाकर लाएगा उसको पुरस्कार दिया जाएगा। इसके साथ ही जो दल अपने प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाएगा उस दल के कुछ छात्र-छात्राओं को स्कालरशिप प्रदान किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि योग स्वस्थ जीवन जीने की कला है, इसके माध्यम से हम तन,मन और आत्मा को शुद्ध कर स्वस्थ रह सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के उत्तर भी दिए और भ्रांतियों को दूर किया। श्वांस लेने का सही तरीका भी बताया।
सेमिनार का शुभारंभ योगाचार्य कृष्ण वर्मा ने सरस्वतीजी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। य़ोगाचार्य कृष्ण वर्मा के साथ आयीं उनकी धर्मपत्नी भारती वर्मा का शाल ओढ़ाकर स्वागत विश्विविद्यालय की विशेष कार्याधिकारी डा. मीनाक्षी शर्मा ने किया। सेमिनार में संस्कृति आयुर्वेद कालेज के प्राचार्य डा. सुशील वर्मा, यूनानी कालेज के प्राचार्य डा.वकार अहमद ने भी विचार व्यक्त किए। कुलपति डा. राणा सिंह ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया।