योग पहुंचा श्रीनगर, यहां मोदी ने मनाया योग ​दिवस

नई दिल्ली। योगा दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 10 वर्ष की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर चुका है। 2014 में यूनाइटेड नेशंस में इंटरनेशनल योगा डे का प्रस्ताव रखा था। भारत के इस प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया था और ये अपने आप में एक रिकॉर्ड था। तब से, योग दिवस लगातार नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। 2015 में दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 35 हजार लोगों ने एक साथ योग किया। ये भी एक विश्व रिकॉर्ड था। पिछले साल मुझे अमेरिका में UN हेडक्वार्टर में योग दिवस के आयोजन का नेतृत्व करने का अवसर मिला था। इसमें भी 130 से ज्यादा देशों के लोगों ने भाग लिया था। योग की ये यात्रा अनवरत जारी है। भारत में आयुष विभाग ने योग practitioners के लिए Yoga Certification Board बनाया है। मुझे खुशी है कि आज देश में 100 से ज्यादा बड़े संस्थानों को इस बोर्ड से मान्यता मिल चुकी है। विदेश के 10 बड़े संस्थानों ने भी भारत के इस बोर्ड से मान्यता प्राप्त की है। आगे उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, योग के प्रति आकर्षण भी बढ़ रहा है।

योग की उपयोगिता के संबंध में भी जन सामान्‍य convince हो रहा है। मैं विश्व में हर जगह जितने भी ग्लोबल लीडर्स से मिलता हूँ, जहां भी जाता हूं, शायद ही कोई एकाध मिल जाएगा जो मेरे से योग की बात न करता हो। दुनिया के सभी वरिष्ठ नेता, जब भी मौका मिलता है मेरे से योग की चर्चा जरूर करते हैं और बड़ी जिज्ञासा से सवाल पूछते हैं। दुनिया के कितने ही देशों में योग डेली लाइफ का हिस्सा बन रहा है। मुझे याद है, मैंने 2015 में तुर्कमेनिस्तान में योग सेंटर का उद्घाटन किया था। आज वहाँ योग बेहद पॉपुलर हो चुका है। तुर्कमेनिस्तान की स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी योगा थेरेपी को शामिल किया गया है। सऊदी अरब ने तो योग को अपने एजुकेशन सिस्टम में भी शामिल किया है।

मंगोलिया में भी मंगोलियन योग फ़ाउंडेशन के तहत कई योग स्कूल चलाये जा रहे हैं। यूरोपियन देशों में भी योग का चलन तेजी से बढ़ा है। जर्मनी में आज करीब डेढ़ करोड़ लोग, योग practitioners बन चुके हैं। आपको ध्यान होगा, इसी साल भारत में फ्रांस की 101 साल की एक महिला योग टीचर को पद्मश्री अवार्ड दिया गया है। वो कभी भारत नहीं आई थीं, लेकिन उन्होंने योग के प्रचार के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। आज विश्व के बड़े-बड़ेinstitutions और universities में योग पर रिसर्च हो रही है, रिसर्च पेपर्स पब्लिश हो रहे हैं। बीते दस वर्षों में योग का ये जो विस्तार हुआ है, उससे योग से जुड़ी धारणाएं बदली हैं। योग अब सीमित दायरों से बाहर निकल रहा है। आज दुनिया एक नई योग इकॉनमी को आगे बढ़ते देख रही है।

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