लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन सीखने के लिए होता है। जीवन की प्रत्येक घटना से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। योगी ने कहा कि सीखने के लिए जहां कहीं भी अवसर मिले उसका लाभ अवश्य लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विगत ढाई वर्षों में जनता की आशाओं और आकांक्षाओं की कसौटी पर खरी उतरी है। मुख्यमंत्री यहां भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) में आयोजित लीडरशिप डेवलपमेन्ट ‘मंथन-1’ कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कहा कि आईआईएम के सहयोग से मंथन कार्यक्रम के तीन विशेष सत्रों का आयोजन किया जा रहा है, जिसका प्रथम सत्र आज आयोजित किया गया है। प्रदेश के सर्वांगिण विकास में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम सहायक सिद्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को श्रेष्ठ बनाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास कर रही है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार सुशासन, प्रबंधन, नेतृत्व कौशल व जनभागीदारी को बेहतर ढंग से जानने के लिए आईआईएम संस्थान से सहयोग प्राप्त कर रही है। पहली बार किसी राज्य सरकार ने देश में अपने राजनीतिक नेतृत्व की दक्षता के लिए देश के श्रेष्ठ प्रबन्धन संस्थान से प्रशिक्षण लेने का फैसला किया है।
योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ की अवधारणा को अपनाते हुए जनता की सेवा कर रही है। अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि एक प्रशासनिक अधिकारी द्वारा दिये गये सुझावों को प्राथमिक विद्यालयों पर लागू किया, जिसके सकारात्मक परिणाम आये। शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में शिक्षण संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आईआईएम की निदेशक अर्चना शुक्ला ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्रेरणा से यह कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है। उत्तर प्रदेश भारत की रीढ़ है। उत्तर प्रदेश का विकास करके ही हम देश के विकास में सहभागी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक राजनेता से जनता को काफी उम्मीदें होती हैं। इन उम्मीदों को पूरा करने में यह मंथन कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्रिगण, आईआईएम—लखनऊ के शिक्षाविद् भी उपस्थित थे।